फ्यूचर लाइन टाईम्स
इन्हें न नियम- न कानून का खौफ है, न ही कागजातों की जरूरत। ये सवारियों के लिए भी मुसीबत का सबब बन गई हैं। ये डग्गामार बसें हैं। इस बस में सेक्टर 12/22 रोड पर चलती बस में बस में स्कूली बच्चे अपनी जान पर खेल कर चढ़ते है । और बस के दरवाजे पर लटक कर काफी दूर सफर करते है । इन विद्यार्थियो के साथ कुछ अनहोनी होगी तो क्या प्रशाशन जिम्मेदार होगा।
काफी बच्चे तो बस की छत पर चढ़ जाते है
भले ही इन्हें दिल्ली से आउट कर दिया गया हो, लेकिन नोएडा में धड़ल्ले से ये दौड़ रही हैं। इनकी तादाद करीब 150 है।
सरकार को इनसे राजस्व नहीं मिलता, लेकिन नियम-कायदे तोड़ने के एवज में लाखों का मुनाफा कहीं न कहीं जाता है।
सवाल उठना लाजिमी है कि कानून तोड़ने की परमिशन देता कौन है और क्या प्रशासन को इसकी खबर नहीं है। जबकि, ज्यादातर बसें पुलिस चौकियों के सामने दौड़ती हैं।
सेक्टर 12/22 से हापुड़, मोदीनगर, मेरठ, सेक्टर 37 से बदरपुर, महरौली, गाजियाबाद, गोल चक्कर से ग्रेटर नोएडा, दादरी सहित तमाम रूटों पर डग्गामार बसों का संचालन हो रहा है।
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