-->

कर्महीन रहिमन लखो धसो बड़े घर चोर चिंतत को बड़ लाभ के जगत ह्वैगो भेार  ।

फ्यूचर लाइन टाईम्स 


कर्महीन रहिमन लखो धसो बड़े घर चोर
चिंतत को बड़ लाभ के जगत ह्वैगो भेार  ।


अर्थ : 
कर्महीन लोग स्वप्न में एक बड़े घर में चोरी से बहुत धन पर हाथ साफ करता है पर
भोर होने पर स्वप्न टूटने पर उसकी सारी खुशी गायब हो जाती है।कर्म से ही फल
मिलता है-हाथ पर हाथ रखकर बैठने वाला हाथ मलते रह जाता है।


काज परे कछु और है काज सरे कछु और
रहिमन भॅवरी के भए नदी सिरावत मौर  ।


अर्थ : 
काम पढ़ने पर लोग आपकी खुशामद करते हं और काम निकल जाने पर लोग आपकी तरफ देखते भी नही हैं।शादी के समय दुल्हा मौर को अपने सिर पर रखता है और शादी के बाद उसे नदी में बहा देता है।आज लोगों का यही चरित्र हो गया है।


चारा प्यारा जगत में छाला हित कर लेइ
ज्यों रहीम आॅटा लगे त्यों मृदंग सुर देइ  ।


अर्थ : 
संसार में भोजन सबको प्रिय लगता है और सब इसे प्रेम से खाते हैं जैसे मृदंग-ढोल पर आॅटा मलने से वह सुन्दर सुर में बजने लगता है।भूख आदमी से कुछ भी करा सकता है।


जो पुरूशारथ ते कहूॅ संपति मिलत रहीम
पेट लागि बैराट घर तपत रसोई भीम  ।


अर्थ : 
पुरूशार्थ से हीं धन संपत्ति मिलती है।लेकिन कभी कभी लोग भाग्य के समक्ष विवश
हो जाता है।परम पुरूशार्थी भीम को भी राजा विराट के यहाॅ रसोईया का काम करना पड़ा था


जो रहीम रहिबो चहो कहो वही को दाउ
जेा रहीम वासर निशि कहे तो कचपची दिखाउ।


अर्थ : 
यदि आप तरक्की करना चाहते हैं तो जैसा आपका मालिक कहे वैसा हीं करें ।यदि राजा दिन को रात कहे तो आप तुरंत उसे आकाश में तारे दिखा दें।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ