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कार्तिक पूर्णीमा स्नान क्यों ?

फ्यूचर लाइन टाईम्स 


सनातन धर्म में भविष्यपुराण के अनुसार  कार्तिक माह की पूर्णिमा स्नान-दान के लिए अति श्रेष्ठ व फलदायी  पुण्य देने वाली होती हैं। इस पूर्णीमा को त्रिपुरी पुर्णीमा के नाम से भी जाना जाता है l


कार्तिक पूर्णिमा :


गुरु नानक देव जी का जन्म इसी दिन हुआ  भगवान विष्णु का पहला मतस्य अवतार भी इसी दिन हुआ l  आज के दिन ही तुलसी देवी ने पृथ्वी पर वनस्पती (पोधे ) के रुप मे जन्म ग्रहण किया l 


आज के दिन गणेश जी को प्रथम पुज्य घोषित किया l भगवान शिव ने आज ही के दिन त्रिपूरासुर नामक असुर का वध किया ओर वह त्रिपुरारी के रूप में भी पूजित हुए l भगवान विष्णु के योग निद्रा से जागने पर प्रसन्न होकर समस्त देवी-देवताओं ने पूर्णिमा को लक्ष्मी-नारायण की महाआरती करके दीप प्रज्ज्वलित किए। यह दिन देवताओं की दीपावली है अतःइस दिन दीप दान व व्रत-पूजा आदि करके हम भी देवों की दीपावली में शामिल होते हैं, कार्तिक महीना भगवान कार्तिकेय द्वारा की गई साधना का माह माना जाता है
 इसी कारण इसका नाम कार्तिक महीना पड़ा। नारद पुराण के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर संपूर्ण सद्गुणों की प्राप्ति एवं शत्रुओं पर विजय पाने के लिए कार्तिकेय जी के दर्शन करने का विधान है। पूर्णिमा को स्नान अर्घ्य, तर्पण, जप-तप, पूजन, कीर्तन एवं दान-पुण्य करने से स्वयं भगवान विष्णु पापों से मुक्त करके जीव को शुद्ध कर देते हैं।


 कार्तिक पूर्णिमा व्रत विधि :


कार्तिक पूर्णिमा को अगर संभव हो भक्त लोगों को नदी में स्नान करना चाहिए वैसे तो किसी भी नदी में स्नान इस दिन बहुत ही लाभदायक होता है किन्तु गंगा जी में इस दिन स्नान करने से मोक्ष मिलता है और यह बहुत ही शुभ और लाभदायक माना जाता है l


 अगर नदी में स्नान नहीं कर सकते तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिला के स्नान कर लें ,आपको पूरे वर्ष के गंगा स्नान का पुण्य मिल जायेगा, फिर भगवान विष्णु की पाठ पूजा-आरती करनी चाहिए। 


इस दिन मात्र एक समय अल्प भोजन करना चाहिए श्री हरि का भजन-चिन्तन करें सात्विक रहें झुट न बोलें ,और सामर्थ्यानुसार दान दुधारू गाय और केला, खजूर, नारियल आदि फलों का देना चाहिए। कार्तिक पूर्णिमा के दिन ब्राह्मणों को दान देने का तो फल मिलता ही है साथ ही बहन, भांजे, बुआ आदि को भी दान देने से पुण्य मिलता है। शाम के समय चन्द्रमा को अर्घ्य देना चाहिए l मंदिर या तुलसी की समीप दिया जलाना: कार्तिक पूर्णिमा के दिन भक्त लोगों को भगवान विष्णु,, शिवजी  के मंदिर में  दिया जलाना चाहिए। आम तौर पर 365 दिये  ज्योत भी जलाये जाते है। भक्त लोग तुलसी के पौधे के सामने भी दिया जलाते है और उस पौधे के समीप राधा-कृष्णा की मूर्ति रखी जाती है।​ सत्यनारायण व्रत -: कार्तिक पूर्णिमा का दिन सत्यनारायण व्रत रखने के लिए सबसे शुभ दिन माना जाता है। इसका कारण यह भी है की कार्तिक पूर्णिमा भगवान विष्णु का पहला अवतार होने के कारण सबसे प्रिय दिन है। ​
 इस कथा की जानकारी अन्य लोगो को देकर पुण्य कर्म के भागीदार बने, क्यों कहते हैं गाय को गौमाता वैज्ञानिक आधार पर कृप्या यह मेरी आई डी मे पढ़ लें I आपको श्री गुरु नानकदेव जी के जन्म पर्व की भी  हार्दिक शुभकामनाये I


सत् नाम वाहे गुरु जी I


 


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