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कांग्रेस की विरासत तो और भी हैं -राजेश बैरागी

फ्यूचर लाइन टाईम्स 


जलियांवाला बाग ट्रस्ट मामला
जलियांवाला बाग स्मृति न्यास पर कांग्रेस अध्यक्ष कोई भी हो की स्थाई सदस्यता को समाप्त करने से कांग्रेस की बेचैनी क्या उचित है? कांग्रेस इसे विरासत का मसला बताती है। विरासत को संजोने और विरासत की जिम्मेदारी लेने में आधारभूत अंतर है। वर्तमान मोदी सरकार का लक्ष्य बिना संदेह उन सभी जगहों, संस्थानों, उपक्रमों से कांग्रेस व वामपंथियों को खारिज करना है जहां वे आदिकाल से जमे हुए हैं। परंतु विरासत का जहां तक प्रश्न है तो विरासत में यदि दाग हों तो उनका जिम्मेदार कौन है।१९८४ में इंदिरा गांधी की हत्या के फलस्वरूप दिल्ली और देशभर में सिखों के कत्लेआम की विरासत किसकी है?देश को लगभग डेढ़ वर्ष तक गिरफ्त में रखने के लिए आपातकाल की विरासत किसकी है। पंजाब, कश्मीर में आतंकवाद की विरासत, राष्ट्रीय निर्माण, खदानों के आवंटन, रक्षा सौदों में घोटाले और दलाली की विरासत। दरअसल नेहरू-गांधी परिवार इस विशाल लोकतांत्रिक देश में अभी भी राजतांत्रिक विरासत को बरकरार रखने की कोशिश में है। कांग्रेस की यही विरासत है।


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