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जानिए भाजपा ने महाराष्ट्र में अपमान क्यूं सहा ?

फ्यूचर लाइन टाईम्स 


जो लोग फडणवीस के 80 घंटे के मुख्यमंत्री बनने पर हंसी उडा रहें है , उनके लिए अन्दर के राजकी बात -


जानिए भाजपा ने महाराष्ट्र में अपमान क्यूं सहा, क्यूं बने फडणवीस 80 घंटे के मुख्यमंत्री? किसके कहने पर अजीत पवार ने भाजपा को सर्मथन दिया ?
जानिए राज की बात


महाराष्ट्र में मोदी सरकार ने बुलेट ट्रेन के लिए जापान करार किया था जिसके लिए जापान ने कई सौ करोड का फंड बिना ब्याज के देना तय किया था ၊
जापान से मिलने वाले इस फंड पर सोनिया की गिद्ध नजर थी ,जिसकी केयरटेकर महाराष्ट्र, गुजरात और केंद्र सरकार है! 


सोनिया-शरद पवार उस फंड कों डाईवर्ट करके किसानो की कर्ज 
माफी और उस आधार पर झारखंड, दिल्ली, बिहार में सत्ता में आना चाहते थे! 


शिवसेना का विश्वासघात देखते हुए उस फंड को बचाना जरूरी था, लेकिन कार्यकारी मुख्यमंत्री फंड ट्रांसफर नहीं कर सकता इसलिए फड़नवीस चाहकर भी उस फंड को केंद्र ट्रांसफर नहीं कर सकते थे! 


शिवसेना को सीएम का लालच देकर उसे बीजेपी से बाहर करना बहुत आसान था जो उन्होंने कर भी लिया! 


लेकिन बीजेपी ने भी एक चाल चली! अजीत पवार के 54 विधायकों के समर्थन-पत्र से फड़नवीस ने सीएम पद की शपथ ली और दो दिनो में करीब-करीब सारा फंड केंद्र को ट्रांसफर कर दिया! 


चलो अब करो राज उद्धव ठाकरे!!!


सूत्रों के हवाले से खबर ये है कि अजित पवार को शरद पवार ने ही भेजा था भाजपा की सरकार बनाने के लिए।


बस शपथ लेने के बाद अजित ने चाचा-भतीजे पर लगे सारे भ्रस्टाचार की फाइल बंद करने की शर्त रख दी।


 बात यहीं बिगड़ गई। 
मोदी जी इसके लिए तैयार नहीं हुए ।


80 घंटों में ही किसानों को ₹5380 करोड़ दे गए फडणवीस, उनका कर्ज माफ कर दिया


वर्ल्ड बैंक से राज्य को दिलाए ₹3500 करोड़ वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधियों से बाढ़ और सूखे से निपटने के लिए किए जाने वाले उचित प्रबंधन पर चर्चा की।
 वर्ल्ड बैंक इस प्रोजेक्ट पर 3500 करोड़ रुपए ख़र्च करेगा। 10,000 गाँवों के 20 लाख किसानों को कॉर्पोरेट से जोड़ा जाएगा।


फडणवीस का दूसरा कार्यकाल भले साढ़े 3 दिन का रहा, लेकिन असरदार रहा


देवेंद्र फडणवीस का मुख्यमंत्री के रूप में दूसरा कार्यकाल लगभग 80 घंटों का ही रहा, लेकिन इतने कम समय में ही वो किसानों को काफ़ी कुछ देकर गए। 


फडणवीस ने दिल्ली जाकर गृहमंत्री अमित शाह से किसानों की समस्याओं पर बात की। उन्होंने महाराष्ट्र के किसानों की समस्याओं को केंद्र सरकार के सामने रखा। 


राष्ट्रपति शासन लगने और राजनीतिक अस्थिरता होने के कारण मौसम से परेशान किसानों की हालत बेहाल थी। ऐसे में, शनिवार (नवंबर 23, 2019) को सुबह शपथ लेते ही फडणवीस ने किसानों के मुद्दे को प्राथमिकता दी और काम पर लग गए।


महाराष्ट्र के किसान बेमौसम बरसात से बेहाल थे। 
फडणवीस ने तुरंत 5380 करोड़ रुपए का कंटिंजेंसी फंड जारी कर उनकी परेशानी को कम करने की दिशा में प्रयास किया।


 किसानों को वित्तीय मदद मुहैया कराई गई। उससे पहले फडणवीस और उनके डिप्टी रहे अजित पवार ने बैठक कर के किसानों की समस्याओं पर बातचीत की। उन्होंने किसानों की तत्काल मदद के लिए उपलब्ध विकल्पों पर विचार-विमर्श किया। 
अगले ही दिन उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव और वित्तीय सचिव से मुलाक़ात कर इस बारे में और अधिक चर्चा की।


अपने दूसरे कार्यकाल में फडणवीस ने पहला हस्ताक्षर सीएम रिलीफ फण्ड के एक चेक पर किया। ये चेक कुसुम वेंगुर्लेकर नामक महिला को दिया गया।
अब जापान से बुलट ट्रेन का पैसा भी नहीं आएगा, जब तक फडणवीस मुख्यमंत्री पुनः नहीं बन जाते ၊
भाजपा ने अजीत पवार और शरद पवार क केस भी बंद नहीं किए , जोकि NCP की मुख्य मांग थी , इसीलिए शरद पवार ने भाजपा को कहने के बाद भी सर्मथन नहीं दिया ၊
अब ED के केस में चाचा भतीजे अगले महीने ही जेल में होंगें संभावना है , यह ये दोनों पवार जानते हैं , इसीलिए शरद पवार पार्टी की कमान अपनी बेटी सुप्रिया सुले को सौपने जा रहे हैं , इसीलिए उसको मीडिया के जरिए हाई लाईट किया जा रहा है ၊
भाजपा ने भ्रष्टाचार से समझौता नहीं किया , सरकार छोड दी , क्या यह गलत कदम था, देश तय करें ၊


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