-->

बडे दीन को दुख सुने लेत दया उर आनि हरि हाथी सों कब हुती कहु रहीम पहिचानि

फ्यूचर लाइन टाईम्स 


सबै कहाबै लसकरी सब लसकर कहॅ जाय
रहिमन सेल्ह जोई सहै सो जागीरे खाय ।


अर्थ : 
सेना के सभी लोग सैनिक कहे जाते हैं।सभी मिलकर हीं लड़ाई करते हैं परन्तु जो
सैनिक तमाम कश्टों को सह कर राजा को विजय दिलाते हैं उन्हीं की इज्जत होती
है और इनाम जागीर दी जाती है।


सीत हरत तम हरत नित भुवन भरत नहिं चूक
रहिमन तेहि रवि को कहा जो घटि लखै उलूक  ं।


अर्थ : 
सूर्य ठंढक मिटा कर अंधकार दूर कर देते हैं। वे दिन रात अपने काम में लगे रहते हैं।यदि रात में विचरण करते हुये उल्लू सूर्य की बुराई करे तो इसमें सूर्य का कुछ
नही बिगड़ता है।


भावी काहू ना दही दही एक भगवान
भावी ऐसा प्रवल हैे कहि रहीम यह जान ं।


अर्थ : 
हेानी से केाई नही बच सकता। इसने इश्वर को भी नही छोड़ा है।भावी बहुत प्रवल
होता है-इसे कोई नही बदल सकता है। 


बडे दीन को दुख सुने लेत दया उर आनि
हरि हाथी सों कब हुती कहु रहीम पहिचानि ।


अर्थ : 
बड़े लोगों को दीन दुखियों का दुख सुनकर तुरंत हृदय में दया आ जाती है।हाथी से भगवान को कया पहचान थी-किंतु वे तुरंत दौड पड़े ।महान लोगों की यह विशेशता है


जो रहीम भावी कतहुॅ होति आपने हाथ
राम न जाते हरिन संग सीय न रावराा साथ ।


अर्थ : 
यदि भविश्य जानना अपने वश में होता तो राम हरिण के पीछे नही जाते और सीता का रावण द्वारा हरण नही होता।होनी को कोई नही टाल सकता है।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ