फ्यूचर लाइन टाईम्स
हम हमेशा सोच को बदले बिना समस्याओं को सुधारने में लगे रहते हैं। हमेशा यह गलती करते रहते हैं। जड़ों को मजबूत बनाए बिना अच्छे परिणाम पाना चाहते हैं। जबकि अच्छे फल चाहिए तो हमें पहले अपनी जड़ो को मजबूत करना होगा। आर्थत समस्याओं को ठीक करने के लिए सबसे पहले सोच को सकारात्मक बनाना होगा। अपनी छोटी-छोटी परेशानियों से बुरी तरह प्रभावित हो जाना आसान है। यदि हमारे साथ ऐसा होता है तो यह परिस्थिति हमारी हर क्रिया-प्रतिक्रिया को सूक्ष्म रूप से प्रभावित करती हैं और नकारात्मक परिणाम लाती हैं।
किन्तु इन्ही परिस्थितियों में जीवन को थोड़ा शांतचित्त होकर, आनंदभाव और थोड़ा ज्यादा प्यार से देखें तो जीवन की अनूठी विविधताओं, अपार संभावनाओं, के साथ-साथ इसकी विसंगतियां भी हमारे चेहरे पर मुस्कान बिखेरने और यह अहसास कराने के लिए कि आप कितने भाग्यशाली हैं, काफी हैं। चार्ली चैपलिन को कॉमेडी के बारे बहुत कुछ पता था। उनका यह कथन मशहूर हैं- "देखने पर जिंदगी त्रासदी है, परंतु यदि इसको समझने की कोशिश करें तो यह कॉमेडी आनंददायक है।"
समस्या में समस्या देखेंगे तो जिंदगी कठिन लगेगी और कठिन बन भी जाएगी। परंतु समस्याओं में भी संभावनाओं की तलाश करेंगे तो नए रास्ते मिलेंगे, जो हमें बेहतर जिंदगी की तरफ लेकर जाते हैं। तब हम जिंदगी की खूबसूरती को करीब से देख पाते हैं, देख पाते हैं कि हमारे पास ऐसी अनगिनत चीजें हैं, जिनके माध्यम से तनावपूर्ण जिंदगी को खुशयों से भरी उद्देश्यपूर्ण जिंदगी में बदल सकते हैं। आनंदमय जिंदगी में बदल सकते हैं। सफल, कामयाब जिंदगी बना सकते हैं। ऐसे अनेकों उदाहरण हैं जिन्होंने सकारात्मक सोच और दृष्टिकोण के बल पर अपनी जिंदगी को समस्याओं से निकालर सफलता के शिखर पर पहुंचा दिए।
सिर्फ चलते रहना, जीते रहना और जिंदगी काटते रहना, मात्र ही जिंदगी नहीं है।जिंदगी के मायने बहुत विस्तृत हैं। यह जिंदगी बहुत महत्वपूर्ण है, इसे इस तरह व्यर्थ समाप्त नही कर सकते। बेहतर जिंदगी के लिए हमें सोच में परिवर्तन लाना होगा। परिणाम से पहले आधार को मजबूत करना होगा, फल पाने से पहले जड़ों को मजबूत बनाना होगा। सकारात्मक सोच से जब हमारा दृष्टिकोण सकारात्मक होता है तो कार्यप्रणाली में भी बदलाव आता है, जिससे हम मुश्किल हालातों का सामना भी आसानी के साथ करते हैं और सार्थक परिणाम पाते हैं।
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