फ्यूचर लाइन टाईम्स
अपनी मर्जी से भागकर शादी रचाने वाली युवती की पहली रात के बाद पहली प्रतिक्रिया क्या होगी? इसी प्रकार अपनी मर्जी से किसी युवक के साथ देह संबंध बनाने वाली युवती की पहली प्रतिक्रिया क्या होगी? निश्चित तौर पर युवती की आंखों से आंसू बाहर निकलेंगे।इन आंसुओं में नये अहसास की खुशी होगी तो गैर-परंपरागत तरीका अपनाने का अफसोस भी शामिल होगा। अफसोस मिश्रित आंसू निकलने के ये केवल दो लगभग एक जैसे उदाहरण ही नहीं हैं। अफसोस मिश्रित आंसू उस अवस्था में निकलते हैं जब पीछे या वापस जाना संभव नहीं होता परंतु जो हो गया है उसके लिए हम स्वयं जिम्मेदार हैं तथा इस अफसोस पर हमें पूरा अफसोस नहीं है। दरअसल जज़्बात में,गैर इरादतन होने वाली दुर्घटना या ऐसी दुर्घटना के फलस्वरूप भविष्य में होने वाली अनहोनी के डर से अनायास आंसू निकल आते हैं। ये आंसू क्षणिक होते हैं।इन आंसुओं का निर्माण मन और मस्तिष्क मिलकर करते हैं।इन आंसुओं के बह जाने से एक नई ऊर्जा और शक्ति का संचार होता है जिसमें 'अब जो होगा देखा जायेगा' जैसी दुस्साहसिक भावना का जन्म होता है। ये आंसू दिखाए नहीं जाते,छिपाए जाते हैं। हालांकि ये आंसू जिन आशंकाओं को लेकर जन्म लेते हैं, यदि वो आशंकाएं कभी सच हो जाएं तो फिर जो आंसू निकलते हैं उन्हें खून के आंसू कहा जाता है। यह आंसुओं की चरम अवस्था है। जिस आंख से खून के आंसू बह जाएं फिर उस आंख से दूसरा कोई आंसू बहना संभव नहीं है। यहां आकर आंसुओं की मौत हो जाती है। यहीं से पौरुष का जन्म होता है।
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