फ्यूचर लाइन टाईम्स
आवारा हु लेकिन योगी जी के आँखों का मैं तारा हूं...हा आवारा....हूं? यह किसी फिल्म का गाना नही किसानों की फसलों को चौपट करते आवारा जानवर है। जो आये दिन किसी को सड़क पर घायल कर देते है और उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण भी बन चुके है।
सबसे बड़े सौभग्य की बात यह है कि भारत कृषि प्रधान देश है और सबसे ज्यादा दुर्भाग्य साली भी भारत का किसान है। सरकार चुनाव में किसान का मुद्दा उठाकर झूठे वादे करके बड़ा-बड़ा चुनाव जीत जाती है और उसके बाद किसान को फिर उसी के हाल पर मरने के लिए छोड़ देती है।
2017 में भाजपा की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री योगी ने तत्काल प्रभाव से अवैध बूचड़खाने बंद कर दिए जिसके कारण आवारा पशुओं की संख्या सड़को से लेकर खेतों तक भरमार हो गई। सबसे बढ़िया फैसला तो रहा लेकिन आज सरकार से लेकर आम इंसान के लिए सबसे बड़ा फजीहत साबित हो रहा।
मुख्यमंत्री ने लोकसभा चुनाव के पहले उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के आलाधिकारी को आदेश दिया कि जल्द ही गौशाला खुलवाकर सभी आवारा पशुओं को रखने के लिए फंड भी आवंटित कर दिया पर आज तक पैसा कही और की जेब तक पहुँच गया और गौशाला सरकारी पन्नो पर सीमित रह गया।
सबसे बड़े दुर्भाग्य की बात यह है कि चुनाव में हम जिस जनप्रतिनिधी को चुनकर विद्यायक,मंत्री और सांसद बनाते है वो भी हमारी समस्याओं को सरकार तक पहुचाने में फेल साबित होते है। किसान की अगर मौत हो जाती है तो बड़ी मसक्कत के बाद राहत कोष से पाँच लाख की राहत राशि उसको दिया जाता है। लेकिन धन्य हो सरकार जीते जी उसको आवारा पशुओं से निजात बिल्कुल नही जिससे वह किसान मेहनत करके अपने परिवार का पालन पोषण कर सके।
सभी किसान के हित मे जिला प्रशासन अगर कोई ठोस कदम नही उठाता तो एक दिन परेशान किसान भी एक बड़ा जन आंदोलन करने को बाध्य हो जाएंगे।
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