फ्यूचर लाइन टाईम्स
या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।
माँ छिन्नमस्तिका की अपार कृपा और आर्शीवाद आपके एवं आपके परिवार पर हमेशा बना रहे ! आप सभी की मनोकामना पूर्ण करें, सुख शान्ति प्रदान करे, सबके कष्ट हरे, ऐसी कामना करते है !
दोस्तो ,
किसी को मकान बनाने में आनन्द आता है तो बनाने दो , अगर आपको अपने झोपड़े में प्रसन्नता है तो व्यर्थ में मकान बनाने की दौड़ में क्यों दौड़ रहे हो ?
अगर आप अपने वर्तमान से संतुष्ट हो प्रसन्न हो तो , दूसरे क्या कर रहे है उनसे तुलना करके खुद को परेशान न करें...
क्योंकि कुछ पाने की आपकी यह दौड़ समय लेगी, शक्ति लेगी, जीवन लेगी और जो आप पा लोगे उससे आपको कभी तृप्ति सन्तुष्टि नही मिलेगी, क्योंकि आप जिसके लिए दौड़े हो वह आपकी चाह कभी भी नही थी।
आजकल हम दूसरों को देख कर दौड़ रहे हैं दुसरो से तुलना कर रहे हैं इसीलिए तो हम सब मे इतनी अतृप्ति है।
प्रभावित होके देखा देखी में दौड़ने के बाद कुछ न मिले तो तकलीफ होती है और कुछ मिल जाए तो हम पाते है कि पाई हुई वस्तु में कोई सार ही नहीं है।
0 टिप्पणियाँ